आज की ताजा खबर
साथ रहेंगे, जुदाई का कोई मतलब नहीं... घर से गायब हुईं लड़कियों ने थाने में पहुंच किया प्रेम का इजहार
सांसद की AI से बनाई आपत्तिजनक वीडियो, फिर किया सोशल मीडिया में वायरल, पुलिस ने दो नाबालिकों को दबोचा
'ब्राह्मण और यादव में जातीय विद्वेष फैलाना चाहते हैं अखिलेश', सपा प्रमुख पर केशव मौर्य के गंभीर आरोप
अपनी ही सरकार में नहीं मिल रहा न्याय, सांसद के सामने व्यथा बताते हुए फूट-फूटकर रोने लगी भाजपा नेत्री
आपातकाल को CM योगी ने बताया लोकतंत्र का काला अध्याय, भूपेंद्र चौधरी बोले- इसके खिलाफ उठे स्वर को नमन
एक ही दिन में तीन विमानों में तकनीकी खराबी, स्पाइसजेट और इंडिगो फ्लाइट्स को बीच रास्ते से लौटना पड़ा
सुहेलदेव स्वाभिमान पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष महेंद्र राजभर की पिटाई, युवक ने की थप्पड़ों की बरसात,
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस ने लिया प्रेमानंद महाराज का आशीर्वाद, दोनों में धर्म पर हुई चर्चा
बकरीद को लेकर यूपी पुलिस अलर्ट मोड पर... DGP ने दिए सख्त निर्देश, संवेदनशील इलाकों में QRT की तैनाती
ऐसी भी क्या नाराजगी... डेढ़ साल के मासूम को गोद में लेकर ट्रेन के आगे कूदी मां, दोनों की दर्दनाक मौत
स्वर्ण शिखर जगमगाया, झूम रहे श्रद्धालु... अयोध्या में 'राजा राम' की प्राण प्रतिष्ठा का अनुष्ठान शुरू
बांके बिहारी मंदिर अधिग्रहण पर शंकराचार्य का विरोध, बोले गोरखनाथ मंदिर का अधिग्रहण हो तो कैसा लगेगा?
कानपुर मेट्रोः कल से उपलब्ध होगी यात्रियों के लिए मेट्रो सेवा, 25 सेकेंड का होगा हर स्टेशन में ठहराव
- होम
-
राज्य
- राजस्थान
- बिहार
- दिल्ली
- उत्तराखंड
-
उत्तर प्रदेश
- लखनऊ
- कानपुर-नगर
- बुंदेलखंड
- सीतापुर
- सुल्तानपुर
- रायबरेली
- बरेली
- पीलीभीत
- अमेठी
- बाराबंकी
- हरदोई
- कुशीनगर
- प्रयागराज
- अयोध्या
- गोरखपुर
- गोंडा
- बहराइच
- कौशांबी
- लखीमपुर
- शाहजहांपुर
- उन्नाव
- फतेहपुर
- कानपुर-देहात
- औरैया
- इटावा
- मैनपुरी
- फर्रुखाबाद
- कन्नौज
- आगरा
- फिरोजाबाद
- अलीगढ़
- एटा
- मथुरा
- गाजियाबाद
- उरई
- हमीरपुर
- चित्रकूट
- बांदा
- महोबा
- झांसी
- ललितपुर
- मध्य प्रदेश
- मनोरंजन
- बिजनेस
- करियर
- राशिफल
- लाइफस्टाइल
- खेल
- देश
- राजनीति
- दुनिया
डीएम के आदेश को दरकिनार कर बाहर की दवा लिखकर मरीजों का शोषण कर रहे चिकित्सक

- दैनिक लोक भारती
- 16 May, 2025
महोबा। अव्यवस्थाओं व इलाज करने के नाम पर मरीजों का आर्थिक शोषण और बेवजह रेफर करने को लेकर अक्सर सुर्खियों में रहने वाला जिला अस्पताल मानो सुर्खियों में रहने का आदी हो चुका है। जिलाधिकारी द्वारा गठित की गई रेंडम टीम द्वारा लगातार निरीक्षण के बावजूद भी अस्पताल में तैनात चिकित्सक और स्वास्थ्य कर्मी बाहर से दवाएं,इंजेक्शन एवं जांच कराने को लेकर मरीजों का आर्थिक शोषण करने से बाज नहीं आ रहे हैं। शुक्रवार को ग्राम नैगवां निवासी नाबालिग को जहरीले पदार्थ के सेवन से हालत बिगड़ने पर उसकी मां द्वारा उपचार के लिए जिला अस्पताल के आकस्मिक चिकित्सा अनुभाग में भर्ती कराया गया जहां तैनात चिकित्सक द्वारा उसे उपचारित किया गया उपचार के दौरान चिकित्सक द्वारा किशोरी की मां को बाहर की दवाओं का पर्चा थमा दिया गया। जेब में महज ₹500 रुपये लेकर अस्पताल पहुंची किशोरी की मां ने गांव के ही एक युवक को बुलाकर उधार पैसे लिए और अस्पताल के बाहर स्थित मेडिकल स्टोर से 2015 रुपये की दवा और इंजेक्शन खरीद कर बेटी का उपचार कराया। शासन के सख्त निर्देशों के बावजूद भी जिला अस्पताल में तैनात चिकित्सक कमीशन खोरी से बाज नहीं आ रहे हैं,बाहर की दवाएं,इंजेक्शन और जाँच लिखना मोटे कमीशन की चाह रखने वाले चिकित्सकों के लिए आम बात हो चुकी है,जिससे महोबा जनपद का मध्यम वर्गीय किसान, व्यापारी एवं गरीब मजदूर कमर तोड़ महंगाई में बाहर से दवाएं खरीद कर इलाज कराने को मजबूर हो रहा है। जबकि शासन द्वारा सभी दवाएं अस्पताल से नि:शुल्क उपलब्ध कराई जा रही हैं एवं जरूरतमंद जेनेरिक दवाओं के लिए प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र को भी संचालित किया जा रहा है,बावजूद इसके जिला अस्पताल में तैनात चिकित्सकों द्वारा मोटे कमीशन की चाह में उपचार कराने अस्पताल पहुंचे मरीजों को बाहर की दवाएं इंजेक्शन और जांच लिखकर अपना शिकार बनाया जा रहा है। बताते चलें कि जिलाधिकारी गजल भारद्वाज द्वारा अस्पतालों में फैली अव्यवस्थाओं को संज्ञान में लेकर सभी अस्पतालों में रेंडम चेकिंग के लिए मजिस्ट्रेट स्तर के अधिकारियों की टीम गठित कर अस्पतालों की चेकिंग करने के निर्देश दिए गए थे। गठित टीम द्वारा अस्पतालों में औचक निरीक्षण कर व्यवस्थाओं को परखा भी जा रहा है लेकिन कुछ चिकित्सक मजिस्ट्रेटरों के निरीक्षण के दौरान भी मरीज का आर्थिक शोषण करने से बाज नहीं आ रहे हैं। मजिस्ट्रेटों के लगातार निरीक्षण के बावजूद मोटे कमीशन की चाह में चिकित्सक मरीजों को बाहर की दवाएं लिखकर उनका आर्थिक शोषण कर रहे हैं। विगत दिनों जिलाधिकारी द्वारा गठित टीम ने निरीक्षण के दौरान आयुष्मान वार्ड में भर्ती मरीज के पास से बाहर की दवा मिलने पर नाराजगी जाहिर करते हुए बाहर की दवाएं ना लिखने की सख्त हिदायत दी थी। बाबजूद इसके जिला अस्पताल में तैनात चिकित्सक बाहर की दवाएं लिखने से बाज नहीं आ रहे हैं। बताते चलें कि जिला अस्पताल परिसर में 24 घंटे डेरा जमा कर रहने वाले बाहरी व्यक्तियों का संरक्षण प्राप्त होने के चलते बेलगाम हुए चिकित्सक और स्वास्थ्य कर्मी बेखौफ होकर मरीजों का आर्थिक शोषण करते नजर आते हैं,बाहरियों की धमाचौकड़ी के चलते अस्पताल में भर्ती मरीजों को आए दिन किसी न किसी हादसे का शिकार होना पड़ता है। लेकिन मेडिकल चौकी,सुरक्षा में तैनात गार्ड एवं होमगार्ड की मौजूदगी भी इन बाहरी लोगों की अस्पताल में जारी धमाचौकड़ी पर लगाम लगाने में नाकामयाब साबित हो रही है। जिला अस्पताल के आकस्मिक चिकित्सा अनुभाग में ड्यूटीरत डॉक्टर पंकज राजपूत ने बताया कि एक किशोरी को जहरीले पदार्थ का सेवन करने से हालत बिगड़ने पर उसकी मां द्वारा अस्पताल में भर्ती कराया गया था।अस्पताल परिसर में जीवन रक्षक इंजेक्शन ना होने के चलते उसके लिए मजबूरीबस बाहर का इंजेक्शन लिखा गया। इंजेक्शन मंगा कर किशोरी को लगाकर उसका उपचार किया गया है,फिलहाल उसकी हालत स्थिर बनी हुई है। किशोरी की मां ने बताया कि सरकारी अस्पताल में बेटी का इलाज कराने के लिए ₹500 रुपये लेकर आई थी क्योंकि हमने सुना था कि सरकारी अस्पताल में इलाज नि:शुल्क होता है लेकिन यहां आने के बाद चिकित्सक द्वारा 2315 रुपए की दवा लिख दी गई पास में पैसे ना होने के बाद गांव के एक लड़के को बुलाकर उसे पैसा उधार लिया और अस्पताल के बाहर स्थित मेडिकल स्टोर से दवा खरीदी उसके बाद बेटी का उपचार कराया। अब उसकी हालत बेहतर बताई जा रही है। जिलाधिकारी की सख्ती फिलहाल अस्पताल में नाकाफी साबित हो रही है जिसके चलते बेलगाम चिकित्सक बाहर की दवाइयां,जांच और इंजेक्शन लिखकर मरीज का आर्थिक शोषण करने से बाज नहीं आ रहे हैं। देखना दिलचस्प होगा कि जिलाधिकारी द्वारा इन बेलगाम चिकित्सकों पर क्या कार्रवाई अमल में लाई जाती है।
Leave a Reply
Your email address will not be published. Required fields are marked *